Anupam Kher Biography: मंदिर से पैसे चुराने वाला शख्स कैसे बना इतना बड़ा एक्टर, कभी रेलवे स्टेशन पर सोकर गुजारी थी रातें, दोस्तों से उधार मांगकर होता था गुजारा, कोई नहीं करना चाहता था इस एक्टर के साथ फिल्म में काम, बड़े बड़े डायरेक्टर-प्रोड्यूसर्स ने कर दिया था अपनी फिल्म से बाहर, लेकिन जज्बे के आगे संघर्ष को दबना पड़ा और नए सूर्य का उदय हुआ… दोस्तों हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं, वो अपने 40 साल के करियर में करीब 540 फिल्मों में काम कर चुका है।
अपनी उम्र के 70वें पड़ाव में भी फिल्मों में काम करने को लालायित रहते हैं। चाहे कैसी भी परिस्थिति क्यों ना, फिल्मों में काम करना कभी बंद नहीं किया। यहां तक कि पैरालाइसिस अटैक आने के बाद भी फिल्म की शूटिंग जारी रखी। दिवालिया होने के बाद भी हार नहीं मानी और फिर अपने पैरों पर उठ खड़े हुए।
दोस्तों हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के लेजेंड्री और वेटरन एक्टर अनुपम खेर की, जिन्होंने छोटे पर्दे से लेकर फिल्मों तक, थियेटर की दुनिया से लेकर हॉलीवुड फिल्मों तक, हर जगह अपनी एक्टिंग का हुनर दिखाया है। लेकिन अनुपम खेर की जिंदगी में कुछ ऐसे भी दर्द रहे हैं, जिनकी भरपाई कभी नहीं हो पाएगी। अनुपम खेर की अपनी कोई संतान नहीं है और साथ ही कश्मीरी नरसंहार को लेकर भी कई बार उनके आंसू झलक जाते हैं। आइये जानते है कि कैसे शिमला का एक मामूली बच्चा आज फिल्म इंडस्ट्री में राज कर रहा है।
Anupam Kher Biography
अनुपम खेर का जन्म 7 मार्च 1955 के दिन कश्मीरी हिंदू परिवार में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला मे हुआ। उस समय उनकी मां दुलारी की उम्र बहुत कम थी। जन्म के समय नर्स ने अनुपम के माता-पिता से उन्हें मांगा था, लेकिन पिता पुष्कर नाथ खेर ने मना कर दिया। अनुपम ने कहा था कि जन्म के समय से ही वो डिमांड में रहने लगे थे। अनुपम खेर के पिता हिमाचल प्रदेश के फोरेस्ट डिपार्टमेंट में क्लर्क थे और मां हाउसवाइफ। पिता की तनख्वा केवल 90 रुपए थी, लेकिन फिर भी अनुपम खेर को कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने दी।
अनुपम खेर का मन बचपन ही पढ़ाई और खेलकूद में नहीं करता था। उन्हें तो फिल्मों और एक्टिंग का शौक था। स्कूल में 5th class में पृथ्वीराज चौहान का रोल प्ले कर सभी को हैरान कर दिया था। डीएवी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद हिमाचल युनिवर्सिटी मे एडमिशन लिया, लेकिन जल्द ही कॉलेज ड्रॉप कर दिया।
चंडीगढ़ में उन्होंने पंजाब युनिवर्सिटी के थियेटर कोर्स में एडमिशन ले लिया। इसका विज्ञापन उन्होंने अखबार में देखा था और इसकी फीस 100 रुपए थी। पिता की सैलरी सिर्फ 90 रुपए थी, इस कारण अनुपन ने पिता से पैसे मांगने की बजाय मां के मंदिर से पैसे चुरा लिए और पंजाब चले गए। पंजाब में उन्होंने अपनी एक्टिंग से सभी को इंप्रेस किया और गोल्ड मेडल जीतकर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा दिल्ली पहुंचे।
एनएसडी से उनके असली करियर की शुरुआत हुई और 1978 में उन्होंने यहीं से अपनी ग्रैजुएशन कंप्लीट की। लेकिन अभी तो सिर्फ शुरुआत थी। असली संघर्ष की कहानी तो अब शुरू होती है। अनुपम को लखनऊ में भारतेंदू ड्रामा सेंटर में टीचर की नौकरी का ऑफर आया और उन्होंने नौकरी जॉइन भी कर ली। लेकिन कुछ ही महीनों में वो नौकरी से पक गए और दोस्त की सलाह पर उन्होंने मुंबई का रुख किया। 3 जून 1981 के दिन सिर्फ 37 रुपए जेब में लेकर वो मुंबई पहुंच गए। उन्हें लग रहा था मुंबई पहुंचकर आसानी से काम मिल जाएगा, लेकिन वो गलत साबित हुए।
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तीन साल तक ऑडिशन देने के बाद भी काम नहीं मिल रहा था। कभी फुटपाथ पर, कभी पार्क में तो कभी रेलवे स्टेशन पर रात गुजारा करते थे। पैसे खत्म हो जाने पर भाई राजू खेर से पैसे मांगने पड़ते थे। कभी दोस्तों से पैसे उधार ले लिया करते थे। साल 1982 में फिल्म आगमन में खेर ने काम किया। एक दूरदर्शन शो में भी काम करने का मौका मिला, लेकिन उन्हें पहचान नहीं मिली। साल 1984 में खेर की मुलाकात महेश भट्ट से हुई। भट्ट ने खेर के बारे में काफी कुछ सुन रखा था।
उन्होंने खेर को फिल्म सारांश में लीड रोल का ऑफर दे दिया। इस फिल्म में प्रोड्यूसर्स संजीव कपूर को कास्ट करना चाहते थे, लेकिन महेश भट्ट ने कहा कि ये फिल्म सिर्फ अनुपम खेर के साथ बनेगी। सिर्फ 28 साल की उम्र में खेर ने 65 साल के व्यक्ति का किरदार निभाकर अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की।
इस फिल्म के रिलीज होने के महज दो हफ्ते में ही उनके पास 100 से अधिक फिल्मों के ऑफर आ गए। इसके बाद उन्होंने फिर कफी पीछे मुड़कर नहीं देखा। खेर अब तक 540 फिल्मों में काम कर चुके हैं, जिनमें डीडीएलजे, डिल, राम लखन, डैडी, लम्हे, डर, बेटा, कुछ कुछ होता है, हम आपके हैं कौन, द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर, राम लखन, तेजाब, रंग दे बसंती, वीर जारा और द कश्मीरी फाइल्स जैसी फिल्में शामिल है।
फिल्म हम आपके हैं कौन की शूटिंग के दौरान अनुपम खेर के चेहरा का एक हिस्सा पैरालाइज्ड हो गया था। डॉक्टर्स ने उन्हें आराम करने की सलाह दी, लेकिन उस सलाह को खेर ने इग्नोर किया और शूटिंग जारी रखी।
फिल्म में उनकी एक्टिंग देख कोई नहीं पहचान सकता कि उनके फेस का एक हिस्सा पैरालाइज्ड है। 1993 में ऋषि कपूर की फिल्म श्रीमान आशिक में अनुपम खेर ने गाना भी गाया था। ओम जय जगदीश फिल्म से खेर ने डायरेक्शन के क्षेत्र में डेब्यू किया, लेकिन यहां उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई। मैंने गांधी को नहीं मारा और तेरे संग जैसी फिल्मों का प्रोडक्शन भी खेर कर चुके हैं।
इसके अलावा द अनुपम खेर शो, पीपल, सवाल 10 करोड़ का और अनुपम अंकल जैसे छोटे पर्दे के शो भी उन्होंने होस्ट किए है। कुछ समय तक एनएसडी के चेयरमैन का कार्यभार भी खेर ने संभाला है। अनुपम खेर को अब तक 2 नेशनल फिल्म पुरस्कार और 8 फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल चुके हैं।
हिंदी सिनेमा में अमूल्य योगदान के लिए भारत सरकार ने 2004 में उन्हें पद्मश्री और 2016 में पद्मभूषण से सम्मानित किया था। अनुपम खेर एक सफल बिजनेसमैन भी है और कई कंपनियों में उन्होंने अपना पैसा इन्वेस्ट किया हुआ है। गलत इन्वेस्टमेंट के कारण साल 2004 में अनुपम खेर दिवालिया हो गए थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और मेहनत जारी रखी। आज उनकी टोटल नेटवर्थ 400 करोड़ से अधिक बताई जाती है और एक फिल्म के लिए वो 5 से 7 करोड़ रुपए की फीस चार्ज करते हैं।
अनुपम खेर की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उन्होंने दो शादिया की है। पहली शादी मधु मालती से साल 1979 में हुई थी, लेकिन ये रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चल सकता। कुछ समय बाद खेर की मुलाकात किरण से हुई। दोनों ने साथ में एक्टिंग शुरू की। एक प्रोजेक्ट के दौरान जब दोनों कलकत्ता गए तो दोनों को अहसास हुआ कि वो एक-दूजे के लिए बने हैं।
अनुपम ने किरण को प्रपोज किया और जल्द दोनों विवाह के बंधन में बंध गए। इस शादी से पहले किरण की भी एक शादी हो चुकी थी। उनकी शादी गौतम बैरी से हुई थी, लेकिन दोनों का तलाक हो चुका था। किरण का पहली शादी से एक बच्चा है सिकंदर, जिसे अनुपम खेर ने अपना लिया और अपना सरनेम भी दिया। अनपुम खेर और किरण की अपनी कोई संतान नहीं है, जिसका दुख भी उनके चेहरे पर झलक चुका है। उन्होंने कहा था कि अपने बच्चे की कमी उन्हें महसूस होती है।
दोस्तों जल्द ही अनुपम खेर की कई फिल्में रिलीज होने वाली है, जिनमें विजय 69, कागज 2 और द सिग्नेचर जैसी फिल्में शामिल है। और भी कई फिल्में जल्द अनुपम साइन कर सकते हैं। हम उनकी फिल्मों की कामयाबी और उनकी लंबी उम्र की कामना करते हैं। उम्मीद करते हैं कि अनुमप खेर के जीवन से जुड़ी ये बातें आपको पसंद आई होगी।