ध्रुव जुरेल के पिता ने बैट खरीदने के लिए मांगे दोस्तों से पैसे और किट खरीदने के लिए मां ने बेच दिए थे अपने गहने, Dhruv Jurel Biography

Dhruv Jurel Biography

Dhruv Jurel Biography: भारतीय टीम में शामिल हो गया है ऐसा क्रिकेटर, जिसका सुनकर ही दुश्मनों की छूटेगी कंपकपी…. जिसने अपनी पहली ही सीरीज में हासिल किया मैन ऑफ द मैच का खिताब… गावस्कर ने इस क्रिकेटर को बता भारत का अगला महेंद्र सिंह धोनी… क्रिकेट के प्रति बचपन में जागा था ऐसा जुनून, परिवार को दे दी थी धमकी…. बैट खरीदने के लिए पिता ने मांगे दोस्तों से पैसे उधार और किट खरीदने के लिए मां ने बेच दिए थे अपने गहने…. पिता ने फौज में रहकर करगिल युद्ध में दिया था योगदान, बेटे को भी भेजना चाहते थे आर्मी में लेकिन ध्रुव जुरेल की किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

पिछले कुछ दिनों से ध्रुव जुरेल का नाम लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। 22 साल के इस क्रिकेटर ने अपने शुरुआती मैचों में ही ऐसे कारनामे कर दिए हैं, जिसे देख कहा जा रहा है कि कई पुराने क्रिकेटर्स अब टीम में वापसी नहीं कर पाएंगे। कौन हैं ध्रुव जुरेल और क्या है उनके संघर्ष की कहानी.. आइये जानते हैं, विस्तार से। 

Dhruv Jurel Biography

ध्रुव जुरेल का जन्म 21 जनवरी, 2001 के दिन उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में हुआ था। पिता नेम सिंह जुरेल भारतीय सेना में सोल्जर थे तो मां घर की जिम्मेदारी संभालती थी। पिता चाहते थे कि उनका बेटा भी उनकी तरह ही आर्मी जॉइन कर देश की सेवा करें। बचपन से ही अनुशासन सिखाने के लिए नेम सिंह ने ध्रुव का दाखिला आर्मी पब्लिक स्कूल में करा दिया। ध्रुव जब 5 साल के थे तो उनके साथ एक खौफनाक घटना हुई।

एक एक्सीडेंट के दौरान उनके बाएं पैर में गंभीर चोट आई और सर्जरी भी की गई। ध्रुव ने बहुत तेजी से रिकवरी कर ली। बचपन में गली-मोहल्ले में दोस्तों के साथ ध्रुव क्रिकेट खेला करते थे। जब वो 8 साल के हुए तो उनके स्कूल में एक समर कैंप आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने पहले तो स्विमिंग में अपना नाम लिखवाया था। लेकिन कैंप में क्रिकेट खेलते बच्चों पर जब उनकी नजर पड़ी तो वो क्रिकेट को अपना दिल बैठे और अपना नाम स्विमिंग से हटवाकर क्रिकेट में लिखवा लिया। 

ध्रुव ने ये बात जब अपने घर पर बताई तो उन्हें पिता से डांट भी पड़ी, लेकिन बच्चे की जिद के आगे माता-पिता को झुकना पड़ा। बेटे पर ध्यान देने के लिए पिता ने आर्मी से जल्दी रिटायरमेंट ले ली थी। अब ध्रुव दिन-रात बस क्रिकेट खेलने का ही सपना देखते रहते थे। पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा मन उनका खेल में लगता था, और इस बात को लेकर कई बार उन्हें माता-पिता से डांट भी खानी पड़ी। ध्रुव ने एक बार अपने पिता से नए बैट की डिमांड की।

पिता ने अपने दोस्तों से 800 रुपए उधार लेकर बेटे को नया बैटकर खरीदकर दिया था। ध्रुव जब थोड़ा और बड़ा हुआ तो एक क्रिकेट किट की डिमांड की। परिवार की स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वो 6-7 हजार की कीमत वाली किट खरीद सके। बेटे की इच्छा पूरी करने के लिए मां ने बलिदान दिया और अपनी सोने की चेन बेच दी। उस समय ध्रुव को पता नहीं था कि उनकी मां ने कितनी बड़ी कुर्बानी दी है, क्योंकि भारतीय महिलाओं के लिए गहने बेचना एक बहुत बड़ी बात मानी जाती है। 

माता-पिता ध्रुव की जिद तो पूरी कर रहे थे, लेकिन साथ ही वो चाहते थे कि उनका बच्चा पढ़ाई पर ध्यान दे, क्योंकि खेल-कूद में करियर बनाना कई पैरेंट्स पसंद नहीं करते थे। ऐसे में ध्रुव घरवालों को धमकी देते थे कि यदि उन्हें क्रिकेट खेलने से रोका गया तो वो घर छोड़कर चले जाएंगे। कई बार ध्रुव खुद को बाथरूम में भी बंद कर लिया करते थे। एक दिन पिता ने अखबार में देखा कि ध्रुव जुरेल ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपनी टीम को जीत दिलाई है।

पिता ने ये खबर जब अपने बेटे को दिखाई तब ध्रुव ने बताया कि ये उन्हीं का नाम है। बेटे का नाम अखबार में पढ़कर पिता को बहुत गर्व महसूस हुआ। धीरे-धीरे ध्रुव ने अंडर-14 टीम में जगह बना ली और शानदार प्रदर्शन करते हुए यूपी की अंडर-16 टीम में भी शामिल हो गए। अब माता-पिता समझ गए थे कि अब बेटे को क्रिकेट से दूर रखना संभव नहीं है। 

ध्रुव को यदि टीम इंडिया में जगह बनानी थी तो उन्हें प्रोफेशनल कोचिंग की जरूरत थी, लेकिन आगरा में कोई अच्छा इंस्टीट्यूट नहीं था। कोच परविंदर यादव ने उन्हें नोएडा क्रिकेट एकेडमी जॉइन करने की सलाह दी। इसके बाद ध्रुव रोजाना आगरा से नोएडा अप-डाउन करने लगे, जिसमें उनका बहुत वक्त बर्बाद होता था। कुछ दिन बाद ही ध्रुव अपनी मां के साथ नोएडा ही शिफ्ट हो गए थे। साल 2019 में ध्रुव के करियर को एक नई उड़ान मिली, जब उन्हें अंडर-19 एशिया कप में टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया।

उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने अंडर-19 एशिया कप का खिताब अपने नाम किया था। अगले साल 2020 में उन्हें अंडर-19 ओडीआई वर्ल्डकप में उप-कप्तान बनाया गया। हालांकि इस टूर्नामेंट में टीम को फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन ध्रुव ने अपने खेल से सभी का ध्यान आकर्षित कर लिया था। 

साल 2022 में ध्रुव को राजस्थान रॉयल्स की टीम ने 20 लाख रुपए के बेस प्राइस पर खरीदा था, लेकिन पूरे सीजन उन्हें बेंच पर ही बैठना पड़ा। साल 2023 में ध्रुव ने आईपीएल में डेब्यू किया और अपनी धुआंधार बल्लेबाजी से सभी को हैरान कर दिया। पंजाब किंग्स के खिलाफ  राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए ध्रुव ने 15 गेंदों में ताबड़तोड़ 32 रनों की पारी खेली।

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इसके बाद लगभग सभी मैचों में वो टीम का हिस्सा रहे। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा था। रणजी ट्रॉफी में यूपी की टीम से खेलते हुए उन्होंने 249 रनों की पारी खेली। लगातार अच्छे प्रदर्शन का ध्रुव को इनाम मिला और उन्हें भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज की टीम में जगह मिली।

अपनी पहली ही टेस्ट सीरीज में ध्रुव ने साबित कर दिया कि वो लंबी रेस के घोड़े है। भारत-इंग्लैंड तीसरे टेस्ट मैच में उन्होंने अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया और 46 रनों की पारी खेली। चौथे टेस्ट मैच में ध्रुव ने करिश्माई प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में 39 रन और दूसरी पारी में 90 रनों की पारी खेली। वो अपने पहले शतक से 10 रनों से चूक गए, लेकिन उनकी पारी क्रिकेट प्रशंसकों को खूब पसंद आई।

अर्धशतक बनाने के बाद उन्होंने अपने पिता को सैल्यूट किया था और करगिल वॉर में शहीद होने वाले जवानों को अपनी पारी समर्पित की थी। इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच के खिताब से भी नवाजा गया। करियर की पहली टेस्ट सीरीज में मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार अपने नाम करने वाले ध्रुव दूसरे भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं। इससे पहले अजय रात्रा ने 22 साल पहले ये कारनामा करके दिखाया था। 

अपनी बल्लेबाजी के साथ-साथ ध्रुव अपनी विकेट कीपिंग से भी लोगों का ध्यान जीत रहे हैं। जिस तरह से वो विकेट कीपिंग कर रहे हैं, उनकी तुलना महेंद्र सिंह धोनी से की जाने लगी है। सुनील गावस्कर ने कहा था कि नया एमएसडी तैयार हो रहा है और ध्रुव में धोनी जैसा प्रेजेंस ऑफ माइंड भी है। हालांकि धोनी से तुलना किए जाने को लेकर सौरव गांगुली ने उनकी आलोचना भी की थी।

लेकिन जिस तरह से ध्रुव टीम इंडिया के लिए तुरुप का इक्का साबित हो रहे हैं, उसे देख ये कहा जा रहा है कि ईशान किशन और केएस भरत जैसे बल्लेबाजों के लिए अब टीम में वापसी के रास्ते उन्होंने बंद कर दिए हैं।

ध्रुव का मानना है कि असली क्रिकेट तो टेस्ट क्रिकेट ही है। वो विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी और एबी डिविलियर्स को अपना आदर्श मानते हैं। हम उम्मीद करते हैं ध्रुव आने वाले समय में नई ऊंचाइयों को हासिल करें और अपने शानदार प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाते रहे। 

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