बचपन इतना गरीबी में गुजरा कि बॉल खरीदने तक के पैसे नहीं हुआ करते थे, Shamar Joseph Biography

Shamar Joseph Biography

Shamar Joseph Biography: कहते हैं भाग्य का सितारा कब चमक जाए कोई नहीं जानता, बस आपको मेहनत से पीछे नहीं हटना चाहिए। आज ये बात वेस्ट इंडीज के क्रिकेट ने सही साबित करके दिखा दी है। ये कहानी एक ऐसे क्रिकेटर की है, जिसका कुछ समय पहले तक किसी ने नाम तक नहीं सुना था, खुद वेस्ट इंडीज के लोग इस क्रिकेटर के बारे में नहीं जानते थे, बचपन इतना गरीबी में गुजरा कि बॉल खरीदने तक के पैसे नहीं हुआ करते थे… प्लास्टिक को पिघलाकर उससे एक टेप बॉल बनाकर खेला करते थे…

परिवार को सपोर्ट करने के लिए मजदूरी और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की… और गांव ऐसा, जहां इंटरनेट तो दूर की बात मोबाइल फोन और टीवी तक की सुविधा नहीं थी… 

दोस्तों हम बात कर रहे हैं वेस्ट इंडीज के उभरते सितारे शमर जोसेफ की, जिन्होंने अपनी धारदार गेंदबाजी से पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। शमर के टैलेंट के कारण ही ऑस्ट्रेलिया में 27 सालों के बाद वेस्ट इंडीज कोई टेस्ट मैच जीत पाई है और वो भी अभेद कहे जाने वाले गाबा के मैदान में… जीत के बाद कमेंट्री बॉक्स में बैठे ब्रायन लारा की आंखों से भी आंसू झलक पड़े थे… लेकिन आखिर कैसे शमर जोसेफ ने अपनी पहली ही सीरीज में इतिहास रच दिया…

कैसे उन्होंने यहां तक का मुश्किल सफर तय किया और उनके सफर में किसने उन्हें सबसे ज्यादा सपोर्ट किया, आइये जानते हैं उनके स्ट्रगल फेज के बारे में शुरू से अंत तक।

Shamar Joseph Biography

शमर जोसेफ का जन्म कैरीबियाई आइलैंड गुयाना के बाराकारा के एक गांव में 31 अगस्त 1999 के दिन हुआ था। उनका गांव ऐसी जगह पर था, जहां से सबसे नजदीकी शहर न्यू एम्सटरडैम था, जहां सिर्फ नाव की मदद से पहुंचा जा सकता था और उसमें भी दो दिन का समय लगता था। शमर का जन्म एक धार्मिक क्रिश्चियन परिवार में हुआ था। उनके घर में माता-पिता सहित कुल 5 भाई और 3 बहन थे। परिवार आर्थिक रूप से मजबूत नहीं था, लेकिन धर्म में उनकी बहुत आस्था थी। सैटरडे संडे के दिन शमर जोसेफ को चर्च जाना ही पड़ता था। वो अपनी मर्जी से कहीं इधर उधर भी नहीं जा सकते थे। 

गांव में सिर्फ आठवीं क्लास तक का स्कूल था और उस गांव में सिर्फ 400 लोग ही रहा करते थे। जोसेफ को बचपन से ही क्रिकेट में काफी दिलचस्पी रही थी, लेकिन उनके पास बॉल खरीदने के पैसे नहीं हुआ करते थे। गांव के दोस्तों के साथ मिलकर वो नींबू और अमरूद की गेंद बनाकर उससे बॉलिंग किया करते थे। कई बार प्लास्टिक की बोतलों और पन्नियों को पिघलाकर उससे एक बॉल बनाते थे और उसी बॉल से गेंदबाजी किया करते थे। इस क्रिकेट को उनके गांव में जंगल क्रिकेट कहा जाता है।

जोसेफ के गांव में साल 2018 तक मोबाइल फोन और इंटरनेट कनेक्शन भी नहीं था। ब्लैक एंड व्हाइट टीवी पर मैच की पुरानी हाइलाइट्स देखकर अपनी गेंदबाजी में उन्होंने निखारने की कोशिश की। वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी कर्टली एम्ब्रोस और कर्टनी वॉल्श को जोसेफ अपना आइडल मानते थे औऱ उन्हीं की तरह बॉल फेंकने की कोशिश किया करते थे। बड़े होने पर पिता ने जोसेफ को अपने साथ लकड़ी काटने के काम में लगा लिया। 

सुबह से शाम तक वो अपने पिता के साथ जंगल की लकड़ी काटने लगे। एक दिन लकड़ी काटते समय जोसेफ के ऊपर पेड़ गिर गया और वो मरते मरते बचे। इसके बाद उन्होंने फैसला किया कि वो ऐसा जोखिम भरा काम नहीं करेंगे। करीब दो दिन का सफर तय कर जोसेफ न्यू एम्सटरडैम पहुंचे और वहां पर उन्होंने एक सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करनी शुरू की। यह नौकरी दिन में 12 घंटे की थी, लेकिन जोसेफ को ये नौकरी अच्छी लगती थी। इसी दौरान उनकी मुलाकात त्रिशना नाम की लड़की से हुई। 

जोसेफ को जब भी खाली टाइम मिलता तो वो मैदान में बॉलिंग प्रैक्टिस करने लगते थे। उनके पड़ोसी और वेस्ट इंडीज के पूर्व क्रिकेटर रोमारियो शेफर्ड ने जब जोसेफ को बॉलिंग करते देखा तो वो काफी इंप्रेस हुए। रोमारियो ने जोसेफ की मुलाकात गुयाना क्रिकेट टीम के हेड कोच एसुआन क्रैंडन और कैप्टन लियोन जॉनसन से कराई। इन दोनों ने भी जब जोसेफ का खेल देखा तो दंग रह गए। अब जोसेफ ने एक क्लब क्रिकेट के लिए खेलना शुरू कर दिया। 

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लेकिन जॉब के साथ क्रिकेट के लिए जोसेफ को टाइम नहीं मिल पा रहा था। गर्लफ्रेंड त्रिशना ने जोसेफ से कहा कि वो जॉब छोड़कर क्रिकेट पर ही फोकस करें। लेकिन वो नौकरी परिवार के गुजारा के लिए बहुत जरूरी थी। फिर भी जोसेफ ने रिस्क लिया और नौकरी छोड़कर फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। उनके इस सफर में गुयाना के पूर्व क्रिकेटर और बिजनेसमैन डेमियन वांतुल ने काफी मदद की। डेमियन ने जोसेफ को क्रिकेट किट और बैट खरीदकर दिए आर्थिक रूप से भी सहायता की। 

कुछ फर्स्ट क्लास मैच में शानदार प्रदर्शन के बाद ही जोसेफ का सिलेक्शन वेस्ट इंडीज की टेस्ट टीम में हो गया और अपनी पहली सीरीज के लिए उन्हें ऑस्ट्रेलिया भेजा गया। अब तक जोसेफ का नाम कोई नहीं जानता था। एडिलेड टेस्ट में अपने करियर की पहली बॉल पर ही जोसेफ ने स्टीव स्मिथ को क्लीन बोल्ड कर दिया औऱ सबको बता दिया कि मैदान में एक नया शेर आ गया। पहले मैच में जोसेफ ने कुल 5 विकेट लिए। दूसरा मैच गाबा में खेला गया, जो ऑस्ट्रेलिया का अभेद किला कहा जाता है। 

पहली पारी में चार विकेट लेने के बाद जोसेफ ने दूसरी पारी में सिर्फ 68 रन देकर 7 विकेट अपने नाम किए। किसी को उम्मीद नहीं थी कि वेस्ट इंडीज ये मैच जीत पाएगी। लेकिन जोसेफ की धारदार गेंदबाजी के आगे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अपने घुटने टेक दिए। हैरानी की बात ये है कि 7 विकेट लेने से ठीक एक दिन पहले जोसेफ जब बल्लेबाजी कर रहे थे तो मिशेल स्टार्क की यॉर्कर गेंद ने उनके पैर का अंगूठा तोड़ दिया था। जोसेफ से ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। इसके बावजूद अगले दिन उन्होंने मैदान पर शानदार कमबैक किया और अपनी टीम को जीत दिलाई। ये पिंक बॉल क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया टीम की पहली हार भी थी।

इस जीत के बाद हर जगह शमर जोसेफ की चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि वो वेस्ट इंडीज को टेस्ट क्रिकेट में खोई पहचान वापस दिला सकते हैं। शमर जोसेफ के बारे में जानने के लिए हर क्रिकेट प्रेमी उत्सुक है। अपनी पहली ही सीरीज में प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब जीतकर वो हीरो बन गए हैं। और एक अच्छी बात ये है कि शमर जोसेफ इस साल आईपीएल में भी खेलते हुए नजर आ सकते हैं। 

आरसीबी और अन्य दो टीमें जोसेफ को अपनी टीम में शामिल करने की कोशिश कर रही है। अगर आईपीएल में जोसेफ खेलते नजर आते हैं तो यकीनन ये टूर्नामेंट और भी दिलचस्प हो जाएगा।

तो दोस्तों ये थी जोसेफ की फर्श से अर्श तक की पूरी कहानी। उम्मीद है कि आपको ये वीडियो पसंद आई होगी। अगर हां तो इस वीडियो को अधिक से अधिक लाइक और शेयर अवश्य करें।

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