पोखरण में 12 मार्च को आमने-सामने आई भारत और पाकिस्तान की सेनाएं, पीएम मोदी ने देखा सेना का strength, Pokhran Army Practice Modi

Pokhran Army Practice Modi

Pokhran Army Practice Modi: राजस्थान के पोखरण में भारत का पहला न्यूक्लियर पावर टेस्ट किया गया था। इन दिनों एक बार फिर Batch का नाम सुर्खियों में बना हुआ है। हाल ही में 12 मार्च को यहां पर भारत की तीनों सेनाएं एकत्रित हुई और युद्धाभ्यास किया। सैन्य शक्ति का प्रदर्शन देखने के लिए प्रधाममंत्री नरेंद्र मोदी भी पोखरण पहुंचे और इस एतिहासिक दिन का गवाह बने। पोखरण में भारत की तीनों सैन्य टुकड़ियों ने अपनी-अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।

इस युद्ध अभ्यास को ‘भारत शक्ति’ नाम दिया गया है। ‘भारत शक्ति’ की सबसे खास बात ये रही कि इस अभ्यास के दौरान सभी हथियार और सैन्य उपकरण स्वदेशी निर्मिते थे, जिससे रक्षा के क्षेत्र में भारत ने आत्मनिर्भर बनने की ओर अपने कदम आगे बढ़ाए हैं। 

Pokhran Army Practice Modi

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किन हथियारों का हुआ परीक्षण

पोखरण में होने वाले अभ्यास के दौरान लड़ाकू विमानों, बैलिस्टिक मिसाइल, युद्धपोत और कई टैंक्स का परीक्षण किया गया। टी-90 भीष्म टैंक, अर्जुन टैंक और बीएमपी 2 टैंक के जरिए सेना ने अपनी शक्ति दिखाई। दुश्मन पर नजर रखने वाले और हवा में ही मिसाइल दागने वाले आधुनिक ड्रोन्स का प्रदर्शन किया गया। लेजर गाइडेड बॉम्ब्स, स्वाति रडार, ब्रह्मोस और नाग जैसी मिसाइल, मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर पिनाका, मोबाइल इंटीग्रेटेड सिस्टम, प्रचंड और ध्रुव हेलीकॉप्टर और रोबोटिक डॉग ‘म्यूल’ जैसे कई उपकरणों का प्रदर्शन भारतीय सेना ने किया।

इस परीक्षण के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ अनिल चौहान सहित कई देशों के डिप्लोमैट्स और प्रतिनिधि भी मौजूद रहें। 

पाकिस्तान-चीन घबराएं

भारत शक्ति सैन्य अभ्यास की खबर से पाकिस्तान और चीन घबराए हुए हैं। पाकिस्तान के मन में तो इतना डर बैठ गया कि वहां के आर्मी चीफ असिम मुनीर खुद बॉर्डर तक पहुंच गए और अपनी सेना को भी अभ्यास करने का आदेश दे दिया। भारत ने जिस जगह अभ्यास किया, वहां से पाकिस्तान का बॉर्डर करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर है। जवाब में पाकिस्तान ने भी बॉर्डर के करीब मौजूद रहीम यार खान नाम की जगह पर युद्ध अभ्यास किया, और इस अभ्यास को उन्होंने ‘शमशीर-ए-सेहरा’ नाम दिया।

हालांकि भारतीय हथियारों और उपकरण के आगे पाकिस्तान के इक्विपमेंट्स काफी कमजोर है, लेकिन फिर भी पाकिस्तान ने अपना पूरा दमखम दिखाने की कोशिश की। एक ओर जहां पाकिस्तान ने अधिकतर हथियार दूसरे देशों से खरीदे हुए या मांगकर लिए हुए हैं, तो वहीं भारत के सभी मिसाइल, हेलीकॉप्टर्स और टैंक्स स्वनिर्मित थे।

तेजस विमान हुआ क्रैश

इस युद्ध अभ्यास के दौरान एक बहुत बड़ी चूक भी देखने को मिली। जिस समय पूरी दुनिया की नजरें भारत के इस सैन्य परीक्षण पर टिकी हुई थी, उसी समय तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हवा में अचानक पायलट ने विमान से अपना काबू खो दिया और बीच हवा में ही विमान छोड़कर पायलट को कूदना पड़ा। तेजस विमान जैसलमेर के एक इलाके में क्रैश हो गया। पिछले 23 सालों में पहली बार कोई तेजस विमान क्रैश हुआ है। ऐसे में सवाल ये पैदा हो रहा है कि इतने महत्वपूर्ण मौके पर ये गलती कैसे हो सकती है। क्या इसमें कोई तकनीकी चूक हुई या फिर किसी साजिशके तहत प्लेन क्रैश कराया गया है, इसको लेकर जांच जारी है। 

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रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा भारत

भारत के लिए ये युद्ध अभ्यास बहुत खास रहा। इस दौरान सेना की तीनों टुकड़ियों के बीच में जबरदस्त कॉम्बिनेशन और तालमेल देखने को मिला। इस अभ्यास के जरिए ना सिर्फ भारत ने अपनी सेना की शक्ति का प्रदर्शन किया, बल्कि दुनिया को ये भी बता दिया कि अब भारत अपने देश में निर्मित हथियारों से युद्ध लड़ने में सक्षम है। फिलहाल भारत दुनिया में सबसे बड़ा आर्म इंपोर्टर है। डिफेंस के मामले में भारत अन्य देशों पर से अपनी निर्भरता कम करना चाहता है। युद्ध की स्थिति में स्वदेशी ताकत ही सबसे महत्वपूर्ण साबित होती है। इस अभ्यास के साथ ही भारत ने रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की ओर अपने कदम आगे बढ़ाए हैं। 

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