World’s Biggest Hindu Temple: एक ऐसा विशाल हिंदू मंदिर, जिसमें वेटिकन सिटी जैसे चार देश पूरी तरह समा जाए और एक ऐसा मंदिर जहां पर स्वयं भगवान शिव साक्षात रूप से विराजमान है और ब्रह्मा जी की पूजा पुष्कर के अलावा अन्य मंदिरों में भी की जाती है। यूं तो पूरी दुनिया में भारत अपने प्राचीन और एतिहासिक मंदिरों के लिए विख्यात है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर भारत में नहीं बल्कि कंबोडिया में स्थित है।
इसके अलावा भी दुनियाभर में कई ऐसे विशाल हिंदू मंदिर है, जिनके बारे में जानने के बाद आपका मन इन मंदिरों के दर्शन के लिए लालायित हो जाएगा। आखिर कहां पर है ये मंदिर और क्या है इनकी खासियत, इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं biggest hindu temples in the world के बारे में.
World’s Biggest Hindu Temple
Table of Contents
Angkor Wat Temple
कंबोडिया देश में स्थित अंकोरवाट मंदिर ना सिर्फ भारत का बल्कि पूरे विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। ये विश्व में सबसे बड़े धार्मिक स्थल के रूप में भी विख्यात है। ये मंदिर 402 एकड़ एरिया मे फैला हुआ है, जो पूरे वेटिकन सिटी से लगभग 4 गुना बड़ा है। इस मंदिर का निर्माण आज से लगभग 900 साल पहले कराया गया था। कुछ लोगों का मानना है कि केवल एक रात में ही इस भव्य मंदिर का निर्माण अलौकिक शक्तियों द्वारा किया गया था। पहले भले ही ये एक हिंदू मंदिर हुआ करता था, लेकिन बाद में ये मंदिर बौद्ध मंदिर में तब्दील हो गया।
यह मंदिर अपनी अद्वितीय नक्काशी, अलौकिक सौंदर्य और कला के एक उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में प्रसिद्ध है। सैकड़ों सालों से धूप, बारिश और मौसम की मार झेलने के बाद भी ये मंदिर मजबूती के साथ खड़ा हुआ है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इसके अलावा ब्रह्मा जी और भगवान शिव के मंदिर औऱ मूर्तियां भी यहां पर विराजमान है।
आज के समय में कई बौद्ध प्रतिमाएं भी मंदिर में देखने को मिलती है, लेकिन मूल रूप से इसे हिंदू मंदिर के तौर पर ही बनाया गया था। 12वीं शताब्दी की शुरूआत में खमेर राजवंश के राजा सम्राट सूर्य वर्मन द्वितीय यहां पर राज किया करते थे और सन 1112 ईस्वी में इन्हीं राजा के द्वारा अंकोरवाट मंदिर की नींव रखी गई थी।
भगवान विष्णु में उनकी गहरी आस्था थी और अन्य हिंदू देवी-देवताओं को भी वे काफी मानते थे। 15वीं शताब्दी में अंकोरवाट में भगवान बुद्ध की मूर्ति स्थापित कर दी गई थी। यहां पर 27 राजाओं ने शासन किया, जिनमें कई हिंदू थे औऱ कई बौद्ध धर्म को मानने वाले भी थे। 16वीं शताब्दी के बाद ये मंदिर धीरे धीरे खंडहर में तब्दील होने लगा और गुमनाम दुनिया में चला गया। साल 1860 में फ्रांस के आर्कियोलॉजिस्ट Alexander Henry Mouhat द्वारा इस मंदिर की खोज की गई और एक बार फिर मंदिर पूरी दुनिया की नजरों में आया। मंदिर के चारों ओर 700 फीट गहरी खाई है, जिसमें पानी भरा रहता है।
इस मंदिर का प्रवेश द्वार 1000 फीट चौड़ा था। मंदिर के मूल शिखर की ऊंचाई 64 मीटर यानी लगभग 209 फीट है। वहीं अन्य 8 शिखर की ऊंचाई 54 मीटर आंकी गई। इस मंदिर के सबसे बड़े शिखर की ऊंचाई 150 फीट है और उसके चारों ओर 50 छोटे शिखर बने हुए है। इस मंदिर का डिज़ाइन हिंदू धर्म ग्रंथों के आधार पर मेरू पर्वत को ध्यान में रखकर किया गया है। मंदिर की दीवारों पर शानदार नक्काशी की गई है, जिनमें रामायरण, महाभारत, हरिवंश पुराण और समुद्रमंथन के चित्र देखने को मिलते है।
एक चाइनीज ट्रैवलर ने भी कहा था कि इस मंदिर का निर्माण केवल एक रात में अलौकिक शक्तियों द्वारा किया गया है। अंकोरवाट मंदिर को ही कंबोडिया ने अपना राष्ट्रीय चिन्ह घोषित किया हुआ है और देश के झंडे में भी अंकोरवाट मंदिर का प्रतीक चिन्ह देखने को मिलता है।
Shree Swaminarayan Temple, New Jersey
श्री स्वामीनारायण को समर्पित ये मंदिर अमेरिका के न्यू जर्सी में स्थित है और भारत के बाहर विश्व का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। इसे अक्षरधाम मंदिर के नाम से भी पहचाना जाता है। पिछले साल अक्टूबर में ही इस मंदिर का उद्घाटन किया गया है। यह मंदिर कुल 183 एकड़ एरिया में फैला हुआ है और मंदिर की शोभा देखने लायक है। ना सिर्फ बाहर से बल्कि अंदर से भी बेहद ही सुंदर नक्काशी की गई है। 12 हजार 500 स्वयं सेवकों ने मिलकर 14 सालों में ये मंदिर तैयार किया है।
इस मंदिर में प्रवेश करते ही एक अलग ही शांति का अनुभव होता है। 10 हजार से अधिक मूर्तियां यहां पर विराजमान है। पूरे मंदिर को हिंदू धर्म के ग्रंथों और पुराणों के आधार पर तैयार किया गया है। प्राचीन संस्कृति और कला का एक अनूठा मिश्रण यहां पर देखने को मिलता है। यह मंदिर दिल्ली के अक्षरधाम के मुकाबले दो गुना बड़ा है और एक साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर दर्शन कर सकते हैं। मंदिर में कई अलग अलग तरह के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, जिनमें चूना पत्थर, गुलाबी बलुआ पत्थर, संगरमरमर और ग्रेनाइट के पत्थर शामिल है।
कुल मिलाकर 2 मिलियन क्यूबिक फीट पत्थर का इस्तेमाल मंदिर निर्माण में किया गया। मंदिर परिसर में एक ब्रह्मकुंड भी बना हुआ है, जिनमें दुनिया के 400 अलग अलग नदियों और झीलों का पानी स्टोर किया गया है। भारत की पवित्र नदियां जैसे गंगा, यमुना, सरस्वती और नर्मदा नदी का जल भी इस कुंड में मौजूद है। अगर आपको कभी अमेरिका जाने का मौका मिले तो इस मंदिर में विजिट करना बिल्कुल भी मिस ना करें।
Read Also:-
बचपन इतना गरीबी में गुजरा कि बॉल खरीदने तक के पैसे नहीं हुआ करते थे, Shamar Joseph Biography
Prambanan Temple, Indonesia
पूरी दुनिया में सबसे अधिक मुसलमान इंडोनेशिया में रहते हैं, इसके बावजूद इंडोनेशिया में कई भव्य और प्राचीन हिंदू मंदिर बने हुए हैं। यहां के लोगों का मानना है कि हमारा धर्म भले ही इस्लाम है, लेकिन हमारी संस्कृति हिंदू है। एक समय पर इंडोनेशिया में हिंदुओं की आबादी सबसे अधिक हुआ करती थी, लेकिन समय के साथ विदेशी आक्रमणकारियों ने यहां पर इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार करना शुरू कर दिया।
इंडोनेशिया के जावा आइलैंड पर प्रंबानन मंदिर बना हुआ है, जो इस देश का सबसे बड़ा मंदिर है यह मंदिर मूलरूप से भगवान शिव, भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी को समर्पित है। इस मंदिर को संजय राजवंश के राजा द्वारा 9TH century में बनवाया गया था।
मंदिर से एक शिलालेख प्राप्त हुई है, जिस पर 856 ईस्वी की तारीख अंकित है। मंदिर की वास्तुकला बेहद ही शानदार है। एक बार जो इस मंदिर में दर्शन के लिए आ जाए, उसका यहां से वापस बाहर जाने का मन नहीं करता। हर रोज हजारों की संख्या में सैलानी मंदिर की खूबसूरती का दीदार करने और दर्शन करने के लिए आते हैं। यह इंडोनेशिया का एक प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस बन गया है। शिव मंदिर में कुल 4 कक्ष बने हुए हैं। इनमें मुख्य कक्ष में महादेव की मूर्ति है तो वहीं एक कक्ष में उनक शिष्य ऋषि अगस्त्य की मूर्ति है।
एक कक्ष में मां पार्वती है तो अंतिम कक्ष में गणेश जी की मूर्ति विराजमान है। इसके अलाव मंदिर में राजकुमारी रोरो जोंग्गरंग की देवी दुर्गा के रूप में पूजा की जाती है। कहा जाता है कि एक श्राप के कारण राजकुमारी मां दुर्गा के रूप में परिवर्तित हो गई थी और तभी से यहां के लोग उनकी पूजा करते आए हैं। मुख्य मंदिरों के अलावा परिसर में छोटे बड़े मिलाकर कुल 240 मंदिर हुआ करते थे। लेकिन आक्रमणकारियों के प्रभाव और भूकंप के कारण कई मंदिर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इस मंदिर को यूनेस्कोन वर्ल्ड हेरीटेज साइट भी घोषित किया हुआ है।
Pashupatinath Temple, Nepal
भारत के बाहर प्रसिद्ध और विशाल हिंदू मंदिरों की जब भी बात आती है तो उसमें नेपाल का पशुपति नाथ मंदिर का जिक्र हमेशा आता है। आपने भी इस मंदिर के बारे में पहले कई बार सुना होगा। कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान शिव स्वयं विराजमान है। यह मंदिर हजारों साल पुराना बताया जाता है। महाभारत और पांडव काल के समय से मंदिर अस्तित्व में है। नेपाल की राजधानी काठमांडु में बागमती किनारे के स्थित इस मंदिर का केदारनाथ से भी गहरा रिश्ता है। ऐसा भी कहा जाता है कि वेदों की रचना से भी पहले से ये मंदिर यहां मौजूद है।
हालांकि मंदिर को वास्तविक रूप सोमदेव राजवंश के राजा द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में दिया गया था। इस मंदिर में भगवान शिव की एक पांच मुखी प्रतिमा है। चार मुख चारों दिशाओं में हैं, जो चार धाम का प्रतीक माने जाते है और एक मुख ऊपर की ओर है। मंदिर के प्रांगण और आसपास के इलाके में अन्य कई मंदिर, स्मारक, मठ, स्तूप और आश्रम है। महादेव के अलाव श्रीकृष्ण परिवार का मंदिर, भगवान राम परिवार का मंदिर, और पांच पांडव परिवार के मंदिर भी मौजूद है।
ब्रह्मा जी और विष्णु जी के मंदिर भी यहां बने हुए हैं। कुल 652 एकड़ एरिया में यहां पर सिर्फ धार्मिक स्थल ही मौजूद है। पशुपतिनाथ मंदिर घूमने में ही 2 घंटे का समय लग जाएगा। कई प्राचीन चित्र और शिलालेख आज भी यहां पर रखे हुए हैं। आज यह मंदिर नेपाल की सबसे प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। साल 1979 में इस मंदिर को युनेस्को ने वर्ल्ड हेरीटेज साइट भी घोषित किया था।
Shree Swaminarayan Temple, Nairobi
आज के समय में अफ्रीका में भी कई हिंदू मंदिर बने हुए हैं हैं। अफ्रीका के अधिकांश देशों में भारतीय मूल के कुछ लोग सदियों से रह रहे हैं। असल में मजदूरी के लिए ब्रिटिशर्स बड़ी संख्या मे भारतीय लोगों को अफ्रीका लेकर गए थे और उन्हीं के वंशज आज भी अफ्रीका में रह रहे हैं। केन्या के पास स्थित नैरोबी देश में भी हिंदूओं की संख्या अच्छी खासी है।
यहां पर हिंदु समदाय के लोगों को BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर ट्रस्ट के द्वारा साल 2013 में एक भव्य हिंदू मंदिर का निर्माण कराया गया था। यह मंदिर अफ्रीका का सबसे बडा हिंदूर बताया जाता है, जहां श्री स्वामीनारायण भगवान की पूजा की जाती है। मंदिर कुल 40 एकड़ एरिया में बना हुआ है। मंदिर परिसार में एक हॉस्पिटल भी बना हुआ है, जहां सभी प्रकार की सुविधाएं मरीजों को दी जाती है। इसके अलावा एक रेजीडेंसियल सोसाइटी भी यहां पर मौजूद है, जिनमें करीब 1000 हिंदू परिवार रह रहे हैं।
खासतौर पर गुजरात की कच्छ कम्यूनिटी के लोग यहां सबसे अधिक रहते हैं। मंदिर की नक्काशी भी देखने लायक है, जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काफी है। साल 2013 में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 2016 में यह मंदिर बनकर तैयार हुआ।
Read Also:- बचपन इतना गरीबी में गुजरा कि बॉल खरीदने तक के पैसे नहीं हुआ करते थे, Shamar Joseph Biography
Besakih Temple, Indonesia
हमारी आज की लिस्ट में अंतिम नाम बेसाकिह मंदिर का आता है, जो इंडोनेशिया के बाली पर स्थित है। यह बाली का सबसे बड़ा और प्राचीन मंदिर है और इसे मदर टेंपल ऑफ बाली के नाम से भी जाना जाता है। हिंदुओं के अलावा स्थानीय निवासियों के लिए भी ये मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां पर कुल 80 छोटे बड़े हिंदू मंदिर बने हुए हैं, लेकिन इनमें 23 मंदिरों का समूह सबसे ज्यादा आकर्षक नजर आता है।
बेसाकिह मंदिर माउंट अगुंग पर स्थित है और दूर से देखने पर यह मंदिर किसी आइलैंड जैसा नजर आता है। पहाड़ों के बीच में बसे इस मंदिर की खूबसूरती बेमिसाल है। पुरा पेनाटरन मंदिर यहां का सबसे प्रमुख मंदिर है, जिसमें भगवान शिव की पूजा की जाती है। आप शायद सोच रहे होंगे कि बेसाकिह का क्या मतलब होता है।
असल में ये शब्द वासुकि नाग के संस्कृत शब्द से लिया गया है और बाली में बेसाकिह का मतलब होता है बधाई। इस मंदिर में हर साल सभी हिंदू त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। यह मंदिर करीब 1300 साल पुराना बताया जात है। मंदिर के रिच हेरीटेज को देखते हुए इसे युनेस्को ने विश्व एतिहासिक धरोहर का दर्जा भी दिया है।
तो दोस्तों ये थे भारत के बाहर कुछ प्रमुख हिंदू मंदिर, जिनके बारे में जानकर आपको काफी अच्छा लगा होगा। अगर आपको कभी बाहर जाने का मौका मिले तो अपने मंदिर के दर्शन करना और उनकी संस्कृति देखने का मौका अवसर बिल्कुल ना गवाएं। आप इनमें से किस मंदिर में जाना सबसे पहले पसंद करेंगे, हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
One thought on “ऐसा विशाल हिंदू मंदिर जिसमें वेटिकन सिटी जैसे 4 देश पूरी तरह समा जाए, World’s Biggest Hindu Temple”